रूठे देवी देवताओं को मनाने की कवायद शुरू
लंबे अरसे से शिवरात्रि महोत्सव में शिरकत न करने वाले देवी-देवताओं को मनाने के लिए मेला कमेटी ने कवायद शुरू कर दी है। अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेले में वर्षों से एक दर्जन से अधिक प्राचीन देवी-देवता नहीं आ रहे हैं। इन प्राचीन देवी-देवताओं को हालांकि हर वर्ष प्रशासन की तरफ से न्योता भेजा जाता है, लेकिन यह प्राचीन देवी-देवता लंबे समय से शिवरात्रि शिरकत नहीं कर रहे हैं। इन देवी-देवताओं के शामिल न हो पाने से जहां इनके भक्तों को निराशा हाथ लग रही है वहीं हजारों लोग इनके दर्शनों से महरूम रह रहे हैं। वहीं सर्व देवी-देवत समिति और प्रशासन ने इस बार इन सभी देवी-देवताआें के कारदारों से शिवरात्रि में आने का विशेष आग्रह किया है। यदि इस बार लम्बे अरसे से शिवरात्रि महोत्सव में शिरकत न करने वाले पुराने एवं पंजीकृ त देवी-देवता शिरकत करते हैं तो शिवरात्रि महोत्सव की गरिमा भी बढ़ेगी और इनके श्रद्धालुओं की मन्नत भी पूरी होगी।
45 सालों बाद मंडी शिवरात्रि में आयेंगे देव नाग छपलांदू
शिवरात्रि में देव पराशर कई वर्षों से नहीं आ रहे हैं, जबकि इनके न आने पर जलेब और शिवरात्रि की अंतिम जाग अधूरी है। इसी तरह श्री देव वरनाग, माधोराव की जलेब में प्रमूख स्थान रखने वाले देव चंडेहिया, प्राचीन देवता काथला माहुंनाग, देवी छोटी, बड़ी हडिंबा गुम्मा वाली, देव किग्सी नारायण, देव खबलासी नारायण, देव जनख्वारी, देव छंजूवारा, देव चाकनाली और देव बैंहदें का नारायण व अन्य शामिल हैं।