रुष्ट देवताओं के आगे प्रशासन नतमस्तक
अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के देव समागम में इस बार कई दशकों बाद प्राचीन देवी-देवताओं के दर्शन होंगे। शिवरात्रि मेला कमेटी के निमंत्रण भेजने के बाद भी कई सालों से मेले में नहीं आ रहे करीब आधा दर्जन देवताओं को मनाने और उनकी दिक्कतों को सुलझा लिया गया। चौहारघाटी के देव गलू का गहरी तीस सालों बाद शिवरात्रि के देव समागम में शिरकत करेंगे।
शिवरात्रि मेले के दौरान सात दिन तक छोटी काशी के नाम से मशहूर मंडी देव समागम से
सराबोर रहेगी। शिवरात्रि के देव समागम में हर साल मेला कमेटी की तरफ से 215 पंजीकृत देवी-देवताओं को निमंत्रण भेजा जाता है। आधा दर्जन प्राचीन देवी-देवता निमंत्रण भेजने के बाद भी मेले में नहीं पहुंच रहे हैं। इसमें देव चंडोही, बरनाग, ऋषि पराशर, किंगसी नारायण और मगरू महादेव प्रमुख हैं। मेला कमेटी ने इस बार प्राचीन देवताओं को मेले आने के लिए विशेष प्रयास किए हैं। एसडीएम और तहसीलदारों को शिवरात्रि में न आने वाले देवी-देवताओं को मनाने और उनकी दिक्कतों को सुलझाने की जिम्मेवारी सौंपी थी।
चौहारघाटी का देव गलू का गहरी तीस सालों बाद इस बार शिवरात्रि में आने के लिए तैयार हो गए हैं। देवता के पुजारी अमर सिंह और गुर वैरागी राम ने कहा कि देवता तीस सालों बाद शिवरात्रि में जा रहे हैं। 20 फरवरी को देवता अपने मूल स्थान से रवाना होंगे। देवता पैदल ही मंडी पहुंचेंगे।
(अमर उजाला की वेबसाइट के माध्यम से)
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