जलेब के लिए सजने लगे माधोराय

छोटी काशी मंडी में सजने वाले अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के लिए राजदेवता माधोराय की सोलवीं सदी की बनी मूर्ति और अन्य साजो सामान की सजावट तथा साफ-सफाई का कार्य शुरू हो गया है। राजदेवता माधोराय की भगवान कृष्ण रूप में चांदी की मूर्ति का निर्माण मंडी के भीमा सुनार ने किया था। इसे राजदेवता माधोराय के मंदिर में स्थापित किया है। मूर्ति को राजदेवता माधोराय की मंडी शिवरात्रि के दौरान निकलने वाली जलेब के दौरान पालकी में रखा जाता है। इस दौरान चांदी केसूरज पंखे, चांदी का सिंहासन और चांदी की कुर्सी भी माधोराय के मंदिर से पड्डल मैदान तक चलती है।
पालकी पर चांदी के छत्र सुशोभित रहते हैं। इसके अलावा माधोराय के मंदिर में दरवाजे और गर्भगृह में भी लकड़ी पर चांदी पतरें चढ़ाई गई हैं। इन सभी साजो सामान की इन दिनों सनोरघाटी के बाहंदी गांव के सुनार पूर्ण चंद द्वारा साफ-सफाई की जा रही है। पूर्ण चंद ने बताया कि उसके परिवार को हर साल राजदेवता के चांदी की मूर्ति, सूरज पंखे, सिंहासन, कुर्सी की साफ-सफाई करने का मौका मिलता है। उसके परदादा स्व. कर्मू राम, दादा कमलु राम और पिता शोभे राम के बाद अब वह इस कार्य को कर रहे हैं। साल में एक बार शिवरात्रि से पहले राजदेवता की मूर्ति और अन्य साजो सामान की सफाई की जाती है। इसमें चार-पांच दिन का समय लग जाता है। पूर्ण चंद ने बताया कि उसके परदादा कर्मू राम ने राज देवता के सूरज पंखे, सिंहासन और दरवाजे आदि पर चांदी का कार्य किया है। इसके नीचे लगी लकड़ी सड़ने लगी है। इसे हटाकर नई लगाने की जरूरत है।

(अमर उजाला की वेबसाइट के माध्यम से)

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